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माता–पिता दोनों के आजीविका में जुड़े रहने से परिवार पर पड़नेवाला प्रभाव

मेरे माता-पिता दोनों ही कामकाजी हैं, और लगभग पूरे दिन घर पर नहीं रहते, इस वजह से इसका मेरे जीवन पर बहुत बड़ा(बुरा) असर पड़ रहा है | हालांकि मुझे पता है कि वे हमारे लिए ही काम करते हैं | पर मैं बहुत अकेलापन महसूस करती हूँ |

मेरे परिवार में केवल मैं और मम्मी-पापा हैं, दादी कभी-कभार हमारे घर आती हैं, पर ज़्यादा समय तक रूकती नहीं हैं |  विधालय से शांत घर में आने पर मुझे घर, घर नही लगता | सुबह का बना ठंडा व सादा खाना खाने को मिलता है , कई बार तो मम्मी को खाना बनाने के लिए भी समय नही मिल पता है इस कारण मैं अधिकतर जंकफ़ूड ही कहती हूँ | इस से  मेरे  पर शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है ,मैं कई बार बीमार पड़ चुकी हूँ फ़ूड पॉइजनिंग के कारण |



हमने कई बार एक साथ बाहर घुमने की भी योजनाएँ बनाई पर पर हर बार अचानक से कोई न कोई काम आ जाने की वजह से बाहर जाना स्थगित करना पड़ा | कई बार तो वे देर रात तक अपने आफिस में ही रह जाते है जिस कारण वो बहुत थके-थके से रहते है और मैं उनके साथ समय नहीं बिता पाती  हूँ ,जब कि  मैं उनकी एकलौती  संतान हूँ, मेरा कोई भाई-बहन नही है | मुझे बहुत अकेलापन सा लगता है | हाँ मेरे कई दोस्त है पर वे मेरे साथ रोज नही रहते है | जब वे मुझे बताते है कि वे अपने परिवार के साथ यहाँ-वहाँ गए और बहुत मजा किया तो मैं उनसे जलती हूँ |
मेरे माता-पिता के काम करने से सिर्फ मुझ पर ही नही, उन पर भी प्रभव पड़ रहा है | वो बहुत थके रहते है जिस के कारण उनके बाल सफ़ेद होने लगे है,जब की उनकी उम्र ज्यादा नहीं  है | मै कई बार सोचती हूँ कि काश वे काम नही करते पर मुझे पता है कि यह हो नहीं सकता |
धन्यवाद |

मेरा नाम ऋषिका परिहार है और मै कक्षा 10 ‘अ’ (igcse) की छात्रा हूँ | मुझे खेलना- कूदना, रोमाचंक कहानियाँ पढ़ना और नाचना पसंद है मैं अपने खाली समय में गाने  सुनना पसंद करती हूँ |