हिंदी भाषा अभिव्यक्ति प्रतियोगिता
निबंध–लेखन
विषय – इन्टरनेट होते हुए अध्यापकों की भला क्या आवश्यकता
छात्रा का नाम---शिंजिनी कक्षा – 8 C
हर घर में कम्प्यूटर है | सभी के पास इंटरनेट भी है | जिसके द्वारा हम पढ़ सकते हैं और जानकारी हासिल कर सकते हैं | पर क्या वह एक शिक्षक के समान ज्ञान दे सकता है ?
विद्यार्थी जीवन के लिए शिक्षक बहुत महत्त्वपूर्ण है | शिक्षक वह होता है जो विद्यार्थी का हाथ पकड़कर उसे विजय पथ का रास्ता दिखाता है | क्या इंटरनेट यह कर सकता है ? इंटरनेट हमेशा के लिए नहीं रहेगा | जब कम्प्यूटर चलना बंद हो जाएँगे उस दिन से इंटरनेट की भूमिका भी कम हो जाएगी | उसपर निर्भर रहने से हमारे ज्ञान की क्षमता भी कम हो जाएगी |
एक शिक्षक हमें ज्ञान के साथ-साथ अनुशासन और शिष्टाचार सिखाता है | वह हमारे स्वभाव को निर्मल बनाने एवं आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में हमारी मदद करता है | शिक्षक ही हमें सही और ग़लत का फ़र्क़ बताता है |
दूसरी ओर इंटरनेट किसी इंसान के स्वभाव में बदलाव नहीं कर सकता | इंटरनेट से शिक्षा प्राप्त करके कुछ लोग बुरे आचरण के तो हो सकते हैं लेकिन विद्यार्थी जीवन में शिक्षक से हासिल ज्ञान अनमोल होता है, वह हमारे लिए एक वरदान है | शिक्षक हमें केवल ज्ञान ही नहीं देते बल्कि वो हमें जीवन यापन और स्वावलंबी बनने की शक्ति देते हैं | जो रिश्ता एक गुरु और शिष्य के बीच होता है वह अटूट बंधन जैसा होता है | गुरु अपने शिष्य को उसकी अपनी गलतियों का अहसास दिलाता है | परंतु एक इंटरनेट हमें केवल एक विषय पर
जानकारी देता है | गुरु-शिष्य का पवित्र रिश्ता जो हम एक शिक्षक के साथ बना सकते हैं वैसा इंटरनेट के साथ होना तो सिर्फ एक सपना है | इंटरनेट हमें जानकारी तो देते हैं पर वो हमें गलत रास्तों पर भी ले जा सकते हैं इसलिए एक अध्यापक दस गुना ज़्यादा भरोसेमंद है | सच तो यह है कि इन दोनों में कोई तुलना ही नहीं है |