हिंदी भाषा अभिव्यक्ति प्रतियोगिता
निबंध – लेखन
विषय – इन्टरनेट होते हुए अध्यापकों की भला क्या आवश्यकता
छात्रा का नाम --- सरायु 8 A
एक बच्चे के छात्र जीवन में वह इंसान जो उनके लिए सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, वह है – अध्यापक !
बच्चों को जीवन में सही और ग़लत का अंतर का पता नहीं रहता है | उन्हें अनुशासन का पालन सिखाना बहुत ज़रूरी होता है | यह काम एक अध्यापक से बेहतर भला और कौन कर सकता है ?
आज की दुनिया में इन्टरनेट से भी हम सीख सकते हैं पर इन्टरनेट अच्छा व्यवहार और अनुशासन नहीं सिखाता है | इन्टरनेट हमें कॉलेज की पढ़ाई के लिए ज्ञान तो दे सकता है पर एक अच्छा इंसान बनने के लिए कुछ
नहीं कर सकता | जब बच्चे ग़लत काम करते हैं तो वह दंड नहीं देता | किसी प्रश्न का ग़लत उत्तर देने पर भी वह केवल सही उत्तर बताता है पर गलती को सही तरीके से सुधार करके समझाता नहीं है | ऐसे तो बच्चा कभी नहीं सीख सकता | एक शिक्षक को ही छात्र की कमज़ोरियाँ पता होती हैं और उन कमज़ोरियों को उसकी ताकत में बदलने का काम शिक्षक करते हैं पर इन्टरनेट ऐसा कुछ नहीं करता |
इंटरनेट पर बच्चे अपना ध्यान खो कर दूसरे काम कर सकते हैं, पर अध्यापक हमेशा छात्र को अपना ध्यान केन्द्रित करने के लिए कार्य में निमग्न करवाते हैं | इंटरनेट बच्चों को जीवन मूल्य , जैसे – मेहनत, ध्यान, एक लक्ष्य रखना और समय का सदुपयोग नहीं सिखाता | यह सब जीवन में सफलता पाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं | इंटरनेट से पढ़ने पर बच्चों का भविष्य खतरे में होगा | जो अटूट रिश्ता शिक्षक और छात्र के बीच होता है वह बेजान और असंवेदनशील इंटरनेट के साथ कभी नहीं बन सकता है |
इसलिए इंटरनेट कभी भी अध्यापक की जगह नहीं ले सकता है | चाहे इंटरनेट कितना भी आगे बढ़ जाए, बच्चों को केवल अध्यापक से सीखना चाहिए |
धन्यवाद सहित .......