काश! मैं चिड़िया होती…
अगर मैं चिड़िया होती तो मैं बहुत देर-देर तक हवा में उड़ती रहती| जब रात होने को आती तब ऊपर जाकर तारों से बातें करती और कर सके तो मैं एक तारे को अपने घर ले पाती| जब सुबह होती तब मैं पेड़ों पर उड़कर अपनी चोंच से फल तोड़कर खाती| मैं पूरा दिन अपनी सुरीला गाना सुनाती| मैं दिन भर अपने पक्षी मित्रों के साथ ऊँची डालों पर बैठती|
मैं पूरे दिन गाती,
मैं चिड़िया हूँ,
में चिड़िया हूँ ,
यहां वहां मैं उड़ती जाऊं,
मैं एक प्यारी-प्यारी चिड़िया हूँ|
लेखक के बारे में:
नाइशा आठ साल की लड़की है| वे तीसरी कक्षा सेक्शन ए मैं है| खाली समय में नाइशा खेलती है | वे लेखक बनना चाहती है |