मेरी माँ !
है जननी मेरी माँ तू !
तेरे चरणों में रहने दे मुझे ,
तेरे स्पर्श को जीने दे मुझे ,
तेरी राह के काँटों को
पलकों से उठाने दे मुझे |
Loading color scheme
मेरी माँ !
है जननी मेरी माँ तू !
तेरे चरणों में रहने दे मुझे ,
तेरे स्पर्श को जीने दे मुझे ,
तेरी राह के काँटों को
पलकों से उठाने दे मुझे |
मेरा अनोखा सपना…
एक दिन, मैं अंतरिक्ष के बारे में पढ़ रहा था। उसके बाद मेरा घर हिलने लगा। मैं घर के बाहर गया और देखा की मेरा घर अंतरिक्ष में है। मेरा घर नेप्ट्यून के पास आ गया। नेप्ट्यून में एक बड़ा सा तूफ़ान आया और मैं उस तूफ़ान में फस गया। उस तूफ़ान ने मुझे जुपिटर में फेंख दिया। इस तरह मैं सब नौ ग्रह देख लिया। उसके बाद मैं आखरी ग्रह से गिरने लगा। तभी मेरे आँखे खुलने लगे और मेरा सपना पूरा हो गया।
प्रिय मित्र -पुस्तक
पुस्तक है हमारे जीवन भर के मित्र
न समझो इनको बुरे और विचित्र !
हमको अधिक ज्ञान देते हैं ,
और अधिक ख़ुशी भी देते हैं |
दोस्त
दोस्त वह है जो अपने भीतर के डर को दूर करे ,
दोस्त वह है जो कैसे भी हो हम, पर लगालें गले |
दोस्त एक ऐसा रत्न है ,
जो सारे गहनों से भी बढ़कर हो |
जंगल
जंगल प्रकृति का अहम भाग है।
जंगल में कई जीव-जंतु रहती हैं।
वहाँ बहुत सारे पेड़-पौधे पाए जाते हैं।
जंगल के पेड़ों से हमें लकड़ी और अन्य उप्योगी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं।
काश! मैं एक मछली होता
काश! मैं एक मछली होता ।
तालाब मैं साँस ले पाता।
आदमी के घर से दूर रहता।,
काश! मैं चिड़िया होती…
अगर मैं चिड़िया होती तो मैं बहुत देर-देर तक हवा में उड़ती रहती| जब रात होने को आती तब ऊपर जाकर तारों से बातें करती और कर सके तो मैं एक तारे को अपने घर ले पाती| जब सुबह होती तब मैं पेड़ों पर उड़कर अपनी चोंच से फल तोड़कर खाती| मैं पूरा दिन अपनी सुरीला गाना सुनाती| मैं दिन भर अपने पक्षी मित्रों के साथ ऊँची डालों पर बैठती|
आसमान का राजा कौन?
एक ठंडी शाम को चाँद और तारे आकाश में बात कर रहे थे। तभी एक बच्ची की आवाज सुनायी दी और वो बोली "चाँद बहुत सुन्दर है और कितनी चमकदार है।" ये सुनकर चाँद ने सोचा "मैं आकाश का राजा हूँ।" तारे तुरंत बोले "नहीं, तुम राजा नहीं हो, सूरज आसमान का राजा है।"
अमर वीर सिपाही !
छू गई उस देश की नर्म धूलि ,
गई है वह स्वतंत्रता की भाव भूली |
रक्तमय शरीर और मन में क्रोधाग्नि ,
माथे पर माटी का तिलक ,मन में देश भक्ति |