प्रिय मित्र -पुस्तक
पुस्तक है हमारे जीवन भर के मित्र
न समझो इनको बुरे और विचित्र !
हमको अधिक ज्ञान देते हैं ,
और अधिक ख़ुशी भी देते हैं |
हो पढ़ाई करने या हो खाना बनाने के लिए ,
हर दिन हमारे जीवन में ज्ञान के जलाते हैं दीए |
चाहे बच्चे हो या बूढ़े पढ़ते हैं बड़े चाव से ,
कभी कघर में या पुस्तकालय से |
मन में एक बत्ती जल जाती है
जब पुस्तकों के ज्ञान को अपने जीवन में ढालते हैं |
पुस्तक हैं हमारे जीवन भर के मित्र
नहीं होते हैं बुरे और विचित्र |
By- Sonal Grade 7 A