मूर्ख दूधवाली
एक गाँव में एक दूधवाली रहती थी| वह गाँव से दूध खरीदकर शहर ले जाकर बेचती थी| एक दिन वह अपने सिर पर मटकी रखकर शहर जा रही थी, तो रास्ते में वह एक गहरी सोच में पड़ गयी कि उसके पास बहुत पैसों की बचत हो गयी जिसकी वजह से उसने एक गाय खरीदी | धीरे-धीरे उसके पास काफी रुपए आ गए और वह बचत करती रही | थोड़े दिन बाद उसने और गाएँ खरीदी और दूध बेचने लगी | कुछ दिनों के बाद, उसने उन गायों को बेच दिया जिससे उसका वेतन बढ़ा और उसने उन पैसों से एक बड़ा घर और खूब गहनें ख़रीदे और बहुत अमीर बन गई | वह अपने अमीर होने पर बहुत खुश हुई | वह अपना एक हीरा उठाने गई और जब उसने इतनी ताकत से उठाया, कि वह नकली हीरा भी टूटा और उसका सपना भी |
संजना
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