दुःख की बारिश
by Shreyas Sarangi 8A
भारी बादल से निकला पानी, लगा जैसे चाँद आज जल्दी आया है |
गीले पेड़-पत्तों को देखकर हम सोचते है,इस झरने में कैसे खेलेंगे?
पर सूरज की किरणे वापस आती है,और कोयल के गीत भी
उसके साथ, बारिश पीकर एवं धूप मिलकर,फूल मुस्काते है |
किरणों के वापस आने पर,इन्द्रधनुष अचानक आता है |
लगा जैसे अनेक रंग के ज्वलामुखी फूटे हो ,या बड़ा मोर आकाश
में फैला हुआ है |
इसलिए हम कहते है ,फ़िक्र मत करो ,सब कुछ सही हो जाएगा |
जब दुःख के अजस्र बारिश आती है ,तो उसके बाद सुख का
इन्द्रधनुष भी आएगा |