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नन्ही चिड़िया
by Tanishka 2C

नन्ही चिड़िया नीचे आ,
नीचे आ कर गीत सुना |

बड़ी धूप है आसमान में,
थोड़ा सा तो लो सुस्ता |

पेङ तले ठंडी छाया है,
छाया में आ दाना खा |

पंखो को थोड़ा आराम दे,
मेरी गोदी में सो जा |

“प्रकृति का सौंदर्य
by Shristi 8A

काले – काले बादल छा जाते,
मोर नृत्य करने निकल आते,
छोटे - छोटे मोती गिरते,
धरती को शीतल कर देते |

वर्षा अंत होने पर,
सूरज अपनी रौशनी दिखाता है ,
फूल हो जाते खिले – खिले,
पेड़ के पत्ते हरे – भरे,

इन्द्रधनुष बनाता है,
अम्बर को रंग बिरंगा,
वर्षा का पानी भर देता है,
झरनों को पूरा |

चाँद निकलने पर ,
कोयल की कुहू – कुहू बंद हो जाती ,
शांत सी चांदी की राते ,
नज़ारा ही बदल देती है |

दुःख की बारिश
by Shreyas Sarangi 8A

भारी बादल से निकला पानी, लगा जैसे चाँद आज जल्दी आया है |
गीले पेड़-पत्तों को देखकर हम सोचते है,इस झरने में कैसे खेलेंगे?
पर सूरज की किरणे वापस आती है,और कोयल के गीत भी

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नीतिवचन
by Aarshi Teacher

क्षमा करने में ही मानव की महानता है |

उबलते हुए पानी में जिस प्रकार हम अपना अक्स नही देख
सकते,उसी प्रकार हम क्रोधी बनकर यह नही समझ सकते, कि हमारी भलाई किसमे है |

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“सपना”
by Sai Charvi 4B

बैठ चंद्र-किरणों के रथ पर
सुंदर छोटी परी उतरती
आँख नीली,बाल सुनहरे
आती जगमग-जगमग करती |

अपने एक हाथ में छोटी
छङी एक चांदी की लाती
भोले-भोले से बालक को
जैसे ही है निंद्रा आती |

वैसे ही वह छङी रुपहली
इधर घुमाती उधर घुमाती
और उसे सोते बालक को
सिर के चारो ओर फिराती |