बेटी बचाओ ! बेटी को पढ़ाओ !
ई.टी.याशिका 8B
यह कहानी पुराने ज़माने की है, जब नारी को केवल घर का काम करने वाली समझा जाता था |
ऎसी कमतर सोच वालों में से एक था पंकज | पंकज का विवाह हुआ और उसके यहाँ बेटी ने जन्म
लिया | उसका नाम प्रिया था | कुछ वर्ष के बाद ही उसकी पत्नी चल बसी | तबसे बेटी को बहुत प्यार
करता था | लाड-प्यार में कोई कमी नहीं करता था |